पते पत्रकों युक्त चोड़े होते है और गहरे हरे रंग के होते हैं ।
पुष्प पीले रंग के आते हैं ।
विषम ज्वर हर।
करंजी स्तम्भनी तिक्ता तुवरा कटुपाकिनी ।
वीर्योष्णा वमिपित्तार्शःकृमिकुष्ठ्प्रेमहजित
लघु, रुक्ष तिक्त कषाय विपाक मे कटु और वीर्य मे उष्ण होते हुए यह त्रिदोषशामक होता है ।
प्रयोग--
मुख्यरुप से विषमज्वर या मलेरिया की प्रसिद्ध औषधी है ।
प्रमेह मे बहुत ही उपयोगी ।
व्लोकेज आफ़ फ़ेलोपियन ट्युब मे उपयोगी ।
कुष्ठ रोगों मे भी उपयोगी ।
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