शास्त्रोक्त पर्पटक केलिए विद्वानो मे बहुत ही मतभेद हैं , उत्तर भारत मे शहतरा या पापड़ा का प्रयोग शास्त्रोक्त पर्पटक के रुप मे किया जा रहा है । यह सर्दियों मे उत्त्पन होता है ,पत्ते गाजर की तरह के होते है इसी कारण इसको गाजर घास के रुप मे भी जाना जाता है ।
पुष्प कुछ गुलाबी रंग के आते हैं और फ़रवरी या मार्च मे आते हैं ।
आयुर्वेदिक गुण--
यह लघु रुक्ष और तिक्त रस युक्त होता हुआ अत्यंत पित्त शामक और वातवर्धक होता है । इसके अतिरिक्त यह संग्राही , दाह को दूर करने वाला , वातकारक होता है ।
उपयोग--
पुष्प कुछ गुलाबी रंग के आते हैं और फ़रवरी या मार्च मे आते हैं ।
आयुर्वेदिक गुण--
यह लघु रुक्ष और तिक्त रस युक्त होता हुआ अत्यंत पित्त शामक और वातवर्धक होता है । इसके अतिरिक्त यह संग्राही , दाह को दूर करने वाला , वातकारक होता है ।
उपयोग--
- पित्तज ज्वर ,प्यास युक्तज्वर मे बहुत ही उपयोगी
- रक्तशोधक
- कफ़ को दूर करने वाला
- विभिन्न त्वचारोगो मे उपयोगी
- प्रमेह और मधुमेह मे उपयोगी
मात्रा-- क्वाथ-- ४० से ५० मि. लि.
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