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Monday, August 23, 2010

Crataeva nurvala, वरूण, बरणा

यह बहुवर्षायु वृक्ष होता है जो लगभग हर जगह मिल जाता है , उत्तर भारत मे इसका वृक्षखेतो मे कही कही मिल जाता है , इसके सफ़ेद फ़ूल आते है और पत्र त्रिपत्रक होते है बेल की तरह ।

जनवरी से अप्रैल तक यह वृक्ष निश्पत्र रहता है । इसके फ़ल निम्बु के आकर के होते हैं।
यह अत्यधिक उष्ण होता है और प्रभाव से अश्मरी भेदन का काम करता है । इसके अतिरिक्त इसका प्रयोग अंतरविदर्धि और ग्रंथि मे भी किया जाता है ।
यह लघु रुक्ष, तिक्त कषाय कटु होने के कारण शरीर मे स्रोतशोधन का काम करता है ।
मै इसको अपनी आयुर्वेदशाला मे अश्मरी भेदन और शोथ के लिये करता हँ ।
वातरक्त, गण्डमाला, बस्तिशुल, मुत्रमार्ग संक्रमण अश्मरी, की यह विशिष्टऔषधि है ।

चित्रप्राप्ति स्थान == राणा एग्रिकल्चर फ़ार्म जिला करनाल हरियाणा
प्रयोज्यांग -- त्वक

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