Thursday, February 24, 2011

Fumaria indica,पर्पट, पित्तपापड़ा, शहतरा


शास्त्रोक्त पर्पटक केलिए विद्वानो मे बहुत ही मतभेद हैं , उत्तर भारत मे शहतरा या पापड़ा का प्रयोग शास्त्रोक्त पर्पटक के रुप मे किया जा रहा है । यह सर्दियों मे उत्त्पन होता है ,पत्ते गाजर की तरह के होते है इसी कारण इसको गाजर घास के रुप मे भी जाना जाता है ।
पुष्प कुछ गुलाबी रंग के आते हैं और फ़रवरी या मार्च मे आते हैं ।
आयुर्वेदिक गुण--
यह  लघु रुक्ष और तिक्त रस युक्त होता हुआ अत्यंत पित्त शामक और वातवर्धक होता है । इसके अतिरिक्त यह संग्राही  , दाह को दूर करने वाला , वातकारक होता है ।
उपयोग--
  • पित्तज ज्वर ,प्यास युक्तज्वर मे बहुत ही उपयोगी
  • रक्तशोधक
  • कफ़ को दूर करने वाला 
  • विभिन्न त्वचारोगो मे उपयोगी 
  • प्रमेह और मधुमेह मे उपयोगी 
तिक्त ऱस युक्त होने के कारण यह कटुपोष्टिक रसायन है । हर प्रकार के संतर्पण युक्त रोगों मे इसका प्रयोग किया जा सकता है।
चित्रप्राप्ति स्थान-- राणा एग्रीक्ल्चर फ़ार्म जिला करनाल हरियाणा ।
मात्रा-- क्वाथ--  ४० से ५० मि. लि. 

1 comment:

Spiderking said...

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