Fever nut, Caesalpinia crista, लता करंज, सागरगोटा,

लगभग सारे भारत मे मिल जाता है , यह कंटको से युक्त गुल्म तरह की लता होती है और सदा हरा भरा रहता है । इसके फ़ल अण्डाकार एवं कंटक युक्त होते हैं जो पकने पर गहरे भुरे रंग के हो जाते है जिनके भीतर चमकीले सफ़ेद रंग का क्रोंच के बीज जैसे एक या दो बीज होते हैं ।
पते पत्रकों युक्त चोड़े होते है और गहरे हरे रंग के होते हैं ।
पुष्प पीले रंग के आते हैं ।
विषम ज्वर हर।

                                         करंजी स्तम्भनी तिक्ता तुवरा कटुपाकिनी ।
                                        वीर्योष्णा  वमिपित्तार्शःकृमिकुष्ठ्प्रेमहजित


लघु, रुक्ष तिक्त कषाय विपाक मे कटु और वीर्य मे उष्ण होते हुए यह त्रिदोषशामक होता है ।

प्रयोग--

मुख्यरुप से विषमज्वर या मलेरिया की प्रसिद्ध औषधी है ।

प्रमेह मे बहुत ही उपयोगी ।
व्लोकेज आफ़ फ़ेलोपियन ट्युब मे उपयोगी ।
कुष्ठ रोगों मे भी उपयोगी ।

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